ये दुनिया कितनी खूबसूरत है, कितने रंगों से भरी है लेकिन दुनिया के रंग देखने के लिए हमारी सुंदर आंखों का स्वस्थ होना भी जरूरी है।आजकल बचपन में या युवा अवस्था में ही आंखों की रोशनी कमजोर होने की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इससे न केवल दृष्टि पर असर पड़ता है, बल्कि मानसिक और शारीरिक विकास भी प्रभावित हो सकता है। छोटी उम्र में आंखों की रोशनी कमजोर होने के कारणों, लक्षणों और इससे बचाव के उपायों को समझना बेहद जरूरी है। सबसे पहले आंखों की रोशनी कमजोर होने के कारणों को लेकर बात करनी जरूरी है।
आंखों की रोशनी कमजोर होने के कारण

- ऑनलाइन और डिजिटल उपकरणों का अत्यधिक उपयोग
आजकल, बच्चे और युवा कई-कई घंटे मोबाइल, कंप्यूटर, टैबलेट और दूसरे डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं। इससे आंखों पर तनाव बढ़ता है और ब्लू लाइट का असर आंखों पर पड़ता है। इसकी वजह से आखों की रोशनी कमजोर हो सकती है। यह समस्या “स्मार्टफोन और लैपटॉप दृष्टि” के नाम से जानी जाती है। - पोषण की कमी और गलत खानपान
आंखों की सेहत के लिए सही पोषण बेहद जरूरी है। विटामिन A, C, और E, ओमेगा-3 फैटी एसिड, और ल्यूटिन जैसी पोषक तत्वों की कमी से आंखों में समस्याएं बन सकती हैं। छोटे बच्चों और युवाओं में इन तत्वों की कमी अक्सर नजर आती है, जिससे आंखों की रोशनी कमजोर हो जाती है। - अनुवांशिक कारण
कई बार आंखों की समस्या अनुवांशिक यानी जैनेटिकल होती है, जिसका मतलब है कि यह माता-पिता से बच्चों को मिल सकती है। जैसे- मायोपिया (निकटदृष्टि दोष) या हाइपरमेट्रोपिया (दूरदृष्टि दोष), जो सामान्यत: परिवार में एक से दूसरे सदस्य तक फैल सकते हैं। - आंखों में संक्रमण और सूजन
आंखों में संक्रमण या सूजन भी दृष्टि कमजोर होने का कारण बन सकती है। यह तब होता है जब बैक्टीरिया, वायरस या एलर्जी के कारण आंखों में समस्या उत्पन्न होती है। - हॉर्मोनल बदलाव
किशोरावस्था में हॉर्मोनल बदलाव के कारण भी आंखों की रोशनी पर असर पड़ सकता है। यह समस्या विशेष रूप से किशोरों में देखी जाती है, जब शरीर में हार्मोनल असंतुलन होता है।
आंखों की रोशनी कमजोर होने के लक्षण
आंखों की रोशनी कमजोर होने के कई लक्षण होते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख निम्नलिखित हैं:
• धुंधली दृष्टि: यदि किसी वस्तु को साफ नहीं देख पा रहे हैं, तो यह आंखों की रोशनी कमजोर होने का संकेत हो सकता है।
• आंखों में जलन और थकान: लंबे समय तक स्क्रीन पर काम करने से आंखों में जलन या थकान महसूस हो सकती है।
• आंखों में लालपन: यदि आंखों में लगातार सूजन या लालपन है, तो यह भी आंखों के स्वास्थ्य में गड़बड़ी का संकेत है।
• आंखों से पानी आना: अधिक देर तक किसी वस्तु को देखने या डिजिटल उपकरणों के इस्तेमाल के कारण आंखों से पानी आ सकता है।
• दूरदृष्टि और नजदीक दृष्टि में असमर्थता: अगर व्यक्ति दूर या पास की चीजों को सही तरीके से नहीं देख पा रहा है, तो यह भी एक संकेत हो सकता है।
आंखों की रोशनी को मजबूत करने के उपाय - स्क्रीन टाइम को सीमित करें
स्मार्टफोन, लैपटॉप, और अन्य डिजिटल उपकरणों पर बिताए जाने वाले समय को नियंत्रित करें। बच्चों के लिए, स्क्रीन पर बिताए जाने का समय दिन में 1-2 घंटे तक सीमित करना चाहिए। इसके अलावा, 20-20-20 नियम का पालन करें: हर 20 मिनट में, 20 फीट दूर की किसी वस्तु को 20 सेकंड के लिए देखें, ताकि आंखों को आराम मिल सके। - स्वस्थ आहार अपनाएं
आंखों के स्वास्थ्य के लिए कुछ विशेष पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है:
o विटामिन A: गाजर, शकरकंद, और पालक में पाया जाता है, जो दृष्टि को स्वस्थ रखता है।
o विटामिन C और E: नींबू, संतरे, और स्ट्रॉबेरी जैसे फल और हरी पत्तेदार सब्जियां आंखों के लिए लाभकारी हैं।
o ल्यूटिन और ज़ेक्सांथिन: ये तत्व हरी पत्तेदार सब्जियों, जैसे पालक और केल, और अंडे में पाए जाते हैं, जो आंखों को हानिकारक ब्लू लाइट से बचाने में मदद करते हैं।
o ओमेगा-3 फैटी एसिड: मछली, अखरोट और चिया सीड्स में पाया जाता है, जो आंखों के सूजन और सूखेपन को कम करता है। - आंखों की नियमित जांच करवाएं
आंखों की नियमित जांच करवाना बहुत जरूरी है। छोटे बच्चों में भी आंखों की समस्या को समय रहते पहचानने के लिए एक दृष्टि परीक्षण कराना चाहिए। आंखों के डॉक्टर की सलाह से किसी भी दृष्टि दोष को जल्दी ठीक किया जा सकता है। - धूप से बचाव करें
धूप में ज्यादा समय बिताने से आंखों पर बुरा असर पड़ सकता है, खासकर तेज़ धूप में। आंखों को सूर्य की हानिकारक यूवी किरणों से बचाने के लिए सनग्लासेस का उपयोग करें। - आंखों को आराम दें
कंप्यूटर या मोबाइल स्क्रीन पर लंबे समय तक देखने से आंखों में थकान और सूजन हो सकती है। इसलिए नियमित रूप से आंखों को आराम दें। काम करने के दौरान नियमित अंतराल पर आंखें बंद करें और कुछ समय के लिए आराम करें। - स्वच्छता बनाए रखें
आंखों की स्वच्छता पर भी ध्यान देना जरूरी है। गंदे हाथों से आंखों को छूने से संक्रमण हो सकता है। इसलिए आंखों को नियमित रूप से धोएं और उनकी स्वच्छता बनाए रखें। - व्यायाम और योग
आंखों के व्यायाम और योग भी दृष्टि सुधारने में मदद कर सकते हैं। आंखों के व्यायाम जैसे आंखों को ऊपर-नीचे, दाएं-बाएं घुमाना, आंखों को गोल-गोल घुमाना आदि आंखों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
आंखों की रोशनी का कमजोर होना आजकल एक सामान्य समस्या बन गई है, लेकिन सही सावधानियों और उपायों से इसे कम किया जा सकता है। बच्चों और युवाओं में डिजिटल स्क्रीन का अत्यधिक उपयोग, अस्वस्थ आहार और अन्य कारणों से यह समस्या बढ़ रही है। हालांकि, सही खानपान, नियमित व्यायाम, आंखों की देखभाल और डॉक्टर की सलाह से हम इस समस्या से बच सकते हैं। बच्चों को इसके बारे में जागरूक करना और उचित समय पर उपचार करवाना बेहद महत्वपूर्ण है। इस तरह, हम अपनी आंखों की सेहत को बनाए रख सकते हैं और जीवन को अच्छे से देख सकते हैं।