चीन का नया मोर्चा: बीजिंग में लैटिन अमेरिका से हाथ मिलाया

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By Rita Sharma

🕒 Published 1 month ago (11:22 AM)

अमेरिका के साथ टैरिफ वार के बीच चीन दूसरे देशों के साथ अपने रिश्तों को प्रगाढ़ करने की दिशा में आगे कदम बढ़ा रहा है। इसी के चलते चीन ने मंगलवार को बीजिंग में आयोजित एक कार्यक्रम में लैटिन अमेरिकी नेताओं के साथ एकजुटता का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में भाग लेने वाले लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई अधिकारियों में ब्राजील, चिली और कोलंबिया के राष्ट्रपति शामिल थे

अनिश्चितता और अस्थिरता का माहौल
ट्रंप की टैरिफ और दूसरी नीतियों के चलते जो अनिश्चितता और अस्थिरता का माहौल पैदा हुआ है चीन ने उसी का तोड़ निकालते हुए इस कार्यक्रम का आयोजन किया । इस कार्यक्रम में लैटिन नेताओं के साथ एक विश्वसनीय व्यापार और विकास साझेदार के रूप में स्थापित किया।

टैरिफ और व्यापार युद्धों में कोई विजेता नहीं होता
कार्यक्रम के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी ने कहा कि “टैरिफ और व्यापार युद्धों में कोई विजेता नहीं होता है।” उन्होंने यह बात चीन द्वारा ट्रम्प की नीतियों का उल्लेख करते समय बार-बार दोहराई। बता दें कि बीजिंग और वाशिंगटन ने जिनेवा में वार्ता के बाद टैरिफ में कटौती करने पर सहमति व्यक्त की।

विशुद्ध राजनीतिक और गुटीय टकराव
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि चीन विशुद्ध राजनीतिक और गुटीय टकराव की स्थिति सहित एकतरफावाद और संरक्षणवाद की बढ़ती लहर के सामने लैटिन देशों के साथ संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में सकारात्मक कदम उठ रहा है।

लैटिन अमेरिका में चीन की भूमिका तेजी से बढ़ी
सदी की शुरुआत से ही लैटिन अमेरिका में चीन की भूमिका तेजी से बढ़ी है, जिसने आर्थिक अवसर का वादा किया है, लेकिन बीजिंग के बढ़ते प्रभाव ने अमेरिका के लिए चिंताएं भी पैदा की हैं। चीन की सरकारी कंपनियाँ इस क्षेत्र के ऊर्जा, बुनियादी ढाँचे और अंतरिक्ष उद्योगों में प्रमुख निवेशक हैं, और देश ने दक्षिण अमेरिका के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार के रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है। बीजिंग ने पूरे क्षेत्र में अपनी सांस्कृतिक, कूटनीतिक और सैन्य उपस्थिति का भी विस्तार किया है।

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